पीतल दूधवाला पतिला (टोपिया-चट्टी-भगोना-बर्तन)
पीतल दूधवाला पतिला (टोपिया-चट्टी-भगोना-बर्तन)
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पटिला/टोपिया एक पारंपरिक बर्तन है जिसका निचला हिस्सा सपाट और किनारे सीधे होते हैं, जो पानी उबालने, दूध उबालने, चाय बनाने, चिकन ग्रेवी, दाल, चावल की खीर, रसम और कई तरह के ग्रेवी वाले व्यंजन बनाने जैसे विभिन्न खाना पकाने के कार्यों के लिए आदर्श है।
पीतल के बर्तनों में पकाए गए भोजन के 90% से अधिक पोषक तत्व संरक्षित रहते हैं, साथ ही यह गर्मी को बनाए रखते हुए भोजन को कुछ घंटों तक गर्म रखता है। पतीला में पकाए गए व्यंजनों का स्वाद और सुगंध अद्वितीय होती है।
भारत की शिल्पकलाओं को पुनर्जीवित करने की हमारी यात्रा हमें अमृतसर के पास एक गाँव तक ले गई, जहाँ थथेरा जनजाति पीतल और तांबे के बर्तन बनाने की अपनी पारंपरिक कला के लिए प्रसिद्ध है। इस कला को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में मान्यता प्राप्त है और शामिल किया गया है।
अपनी समृद्ध विरासत के बावजूद, इस शिल्प को करने वाले परिवारों की संख्या 400 से घटकर मात्र 15 रह गई है।
वेलानस्टोर के पटिला/टोपिया में परंपरा और शिल्प कौशल का अनुभव करें—जहां हर व्यंजन विरासत और स्वाद की कहानी बयां करता है।
| छोटा |
1.4 - 1.7 |
19.0 - 20.0 |
9.0 |
| मध्यम |
2.0 - 2.3 |
21.0 - 22.0 |
10.0 |
| बड़ा |
2.6 - 2.8 |
23.0 - 24.0 |
11.0 |
