शुद्ध पीतल की नागा कन्या मूर्ति - चोल टोन फ़िनिश 8.5"
शुद्ध पीतल की नागा कन्या मूर्ति - चोल टोन फ़िनिश 8.5"
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शुद्ध पीतल से बनी नाग कन्या की मूर्ति, जिसे प्राचीन चोल शैली में रंगा गया है। हिंदू और तांत्रिक परंपराओं में नाग कन्या एक दुर्लभ और शक्तिशाली प्रतीक है, जो सांसारिक ज्ञान और दिव्य ऊर्जा के मिलन का प्रतीक है।
📏 आयाम:
ऊंचाई: 21.5 सेमी (8.5 इंच), चौड़ाई: 14 सेमी (5.5 इंच), गहराई: 9 सेमी (3.5 इंच), वजन: 2 किलोग्राम।
🪙 शिल्प कौशल की मुख्य विशेषताएं:
शुद्ध पीतल से निर्मित, पारंपरिक चोल शैली की प्राचीन फिनिश के साथ।
इसमें सर्प के फन वाली एक युवती की सुंदर आकृति दिखाई गई है, जो रहस्यवाद और दिव्य स्त्री शक्ति का प्रतीक है।
आभूषणों, चेहरे की विशेषताओं और बहु-फन वाले सर्प मुकुट पर हस्तनिर्मित बारीक कारीगरी।
छोटा लेकिन शक्तिशाली—वेदियों, अनुष्ठान स्थलों या संग्रहकर्ताओं के प्रदर्शन के लिए आदर्श
🐍 आध्यात्मिक महत्व:
नाग कन्या कुंडलिनी ऊर्जा, संरक्षण, उर्वरता और रूपांतरण का प्रतिनिधित्व करती हैं। आध्यात्मिक जागृति, समृद्धि और नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर करने के लिए पूजी जाने वाली यह मूर्ति आंतरिक शक्ति और संतुलन का एक शक्तिशाली प्रतीक है।
✨ इसके लिए आदर्श:
घर के पूजा स्थल, तांत्रिक और योगिक स्थल, या वास्तु संबंधी सुधार
आध्यात्मिक साधकों और दुर्लभ हिंदू प्रतिमा कला के पारखियों के लिए उपहार स्वरूप उपयुक्त।
इसे विरासत संग्रहों या ध्यान कक्षों में प्रदर्शित करें।
चोल शैली में सजी नाग कन्या को अपने घर ले आइए—यह एक ऐसी कृति है जो पवित्र प्रतीकों को दक्षिण भारतीय कलात्मकता के शाश्वत स्वरूप के साथ मिश्रित करती है।
